
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav ने भारतीय जनता पार्टी पर भारतीय अर्थव्यवस्था को कुछ गिने-चुने हाथों में समेटने का गंभीर आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि “एक का धंधा, एक से चंदा” भाजपा का असली आर्थिक मॉडल बन चुका है, जो देश को Monopoly Economy की ओर धकेल रहा है।
अखिलेश यादव के मुताबिक, किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए एकाधिकार की सोच घातक होती है—चाहे वह राजनीति हो, समाज हो या फिर अर्थव्यवस्था।
BJP का ‘गोपनीय एजेंडा’?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर पोस्ट साझा करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा सरकार ‘एक देश, एक कारोबारी’ की दिशा में तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “जब सारा कारोबार कुछ एक लोगों के हाथ में दे दिया जाएगा, तो चंदा इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग दरवाज़ों पर जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।”
उनका आरोप है कि भाजपा ने पैसों की “महाभूख” पूरी करने के लिए ऐसे लोगों को सत्ता और संगठन में बैठा दिया है, जो बिना सवाल किए हर फैसले पर हामी भरने वाले ‘चाबी के खिलौने’ बन चुके हैं।
Monopoly का खतरनाक Future
अखिलेश यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि एकाधिकारवादी नीति देश को बेहद खतरनाक मोड़ पर ले जाएगी।
उनके अनुसार, इसका सीधा असर होगा अनियंत्रित मुनाफाखोरी, तेज़ महंगाई और अंततः महा-भ्रष्टाचार।
जब Competition खत्म होता है, तो जनता की Choice भी खत्म हो जाती है।
किसान, श्रमिक और PDA समाज पर मार
सपा अध्यक्ष ने कहा कि श्रमिकों का शोषण “कम धन – अधिक श्रम” के फार्मूले से होगा। किसानों की आवाज़ को नज़रअंदाज़ किया जाएगा। PDA समाज (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) यानी देश की करीब 95% आबादी को इसका सबसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
उनका आरोप है कि नियम-कानून भी इन्हीं एकाधिकारवादी कंपनियों के फायदे के हिसाब से बदले जाएंगे और उपभोक्ताओं से मनमानी वसूली होगी।
‘एकाधिकार नहीं स्वीकार’ का नारा
अखिलेश यादव ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब जनता को एकजुट होकर कहना होगा— “एकाधिकार नहीं स्वीकार।”
उनके मुताबिक, यह सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं बल्कि देश की आर्थिक आत्मा को बचाने की लड़ाई है।
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